शहर से गाँव तक उग आया है कांक्रीटों का घना जंगल। शहर से गाँव तक उग आया है कांक्रीटों का घना जंगल।
हे वास्तुविद, हे कलाश्रेष्ठ ! तुम नया शहर संवेदनशील बनाना। हे वास्तुविद, हे कलाश्रेष्ठ ! तुम नया शहर संवेदनशील बनाना।